हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में एक इज़रायली ड्रोन के गिरने की घटना ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात को सुर्खियों में ला दिया है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि यह बिना पायलट वाला विमान लेबनान की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित कफ़रकला क्षेत्र में शनिवार दोपहर अचानक नीचे गिर गया, जिसके बाद इसे तुरंत लेबनानी सुरक्षा बलों ने अपने कब्ज़े में ले लिया।
अल जाज़ीरा के अनुसार, लेबनान में यह पहली बार नहीं है जब इज़रायल का कोई ड्रोन या लड़ाकू विमान लेबनानी हवाई क्षेत्र में देखा गया हो। पिछले कई वर्षों से लेबनान लगातार संयुक्त राष्ट्र को शिकायत दर्ज कराता रहा है कि इज़रायल उसके हवाई क्षेत्र का बार-बार उल्लंघन करता है।
लेबनान का कहना है कि, यह कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का सीधा उल्लंघन है, जो 2006 में 33-दिवसीय इज़रायल-लेबनान युद्ध के बाद पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में साफ़ तौर पर कहा गया है कि लेबनान और फ़िलिस्तीन के हवाई या ज़मीनी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का सैन्य अतिक्रमण प्रतिबंधित है।
इस प्रस्ताव के तहत दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना (UNIFIL) भी तैनात है, जिसका उद्देश्य सीमा पर शांति बनाए रखना और किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि की निगरानी करना है। इसके बावजूद, लेबनान का कहना है कि इज़रायली ड्रोन और लड़ाकू विमान अक्सर क्षेत्र में गश्त करते रहते हैं। कई घटनाओं में लेबनानी सेना ने इन उड़ानों का ज़िक्र अपनी मैदानी रिपोर्टों में किया है।
कुछ मौकों पर लेबनान की सुरक्षा एजेंसियों ने गिरे हुए ड्रोन से ऐसे उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक हिस्से भी बरामद किए हैं, जिनसे उनके जासूसी मिशन पर काम करने की पुष्टि होती है। नवीनतम घटना ने भी इस शक को और मज़बूत किया है कि, इज़रायल सीमा क्षेत्रों में निगरानी गतिविधियाँ तेज़ कर रहा है। लेबनान सरकार इस मुद्दे को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी कर रही है।
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